6 अक्टूबर 2012 को नागराज जन्मोत्सव और कल्पना लोक अर्वाड सम्पन्न हुए। पहली बार अक्टूबर 2008 मे नागराज का जन्मदिन मनाया गया था। ये 5वा जन्मोत्सव था। 2010 मे पहली बार कल्पना लोक अर्वाडस बांटे गए थे। इस बार राज कामिक्स ने इसे काफी बडे स्तर पर आयोजित किया जो कि अपेक्षा के विपरीत था। इस event के लिए sponsers भी थे। maruti suzuki, animation express and 2 more. इसलिए सभी लोगो मे इस बार काफी जोश था। इस बार राज कामिक्स ने परम्परा के विपरीत कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली हाट पीतम पुरा मे रखा। कुछ लोग इस से खुश हो गए कि चलो बुराडी से तो पास है ये। लेकिन जो लोग राज कामिक्स का आफिस देखना चाहते थे वो थोडा सा मायूस हो गए। वैसे सही मायनो मे मजा बुराडी मे ही आता है।
6 october के लिए मेरी तरफ से भी सारी तैयारिया हो चुकी थी। कुछ दोस्तो को कामिक्से देनी थी वो साथ मे ले ली बस। वैसे तो मैं और आकाश एक साथ ही जन्मोत्सव मे जाते है लेकिन इस बार vennue अलग होने के कारण हमे भी अलग-अलग जाना पडा। 5 october से ही दोस्तो के फोन आ रहे थे। कैसे पहुचना है, कहाँ पहुचना है, इत्यादि। और मै सभी का मार्गदर्शन करने मे लगा हुआ था। आदिल हुसैन तो लगभग 1 घंटा पहले पहुँच गया था। मेरे 2 छोटे भाई भी मुझ से पहले ही पहुँच गए थे। मैं भी तकरीबन 12:20 के करीब वहाँ पहुँच गया था।
जब दिल्ली हाट के गेट पर पहुँचा तो लगा कि राज कामिक्स ने इस बार बहुत शानदार प्रयास किया है। सुपर हीरोज के बडे-बडे पोस्टर हर तरफ लगे हुए थे और फैन्स उन के साथ फोटोज खिचवा रहे थे। एंट्री गेट पर रजिस्ट्रेशन हो रहे थे। उसके बाद ही फ्री एंट्री हो सकती थी। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद मैं अदंर गया और दोस्तो को ढूंढने लगा। थोडी देर मे लोग मिलने लगे। आदिल हुसैन को मैने देखते ही पहचान लिया था। फिर आकाश के साथ शिवांक पाठक से भी मिल लिया। मेरे छोटे भाई भी मुझे मिल गए। अभी तक फोन पर फोन आ रहे थे कि कहाँ हो, कितने लोग है वहाँ, कैसा माहौल है, इत्यादि। और अब तो मुझे भी गुस्सा आने लगा था कि यार ये लोग तो enjoy ही नही करने दे रहे। थोडी देर बाद फ्री गिफ्टस बटंने शुरु हो गए। धीरे-धीरे सारे दोस्त आ पहुँचे। मयंक मिश्रा, रवि यादव, सिद्धांत गुप्ता, राहुल शंशाक, विशाल उपाध्याय, अंकित अग्रवाल, साहिल, अनिरुद्ध मालपानी, रंधावा वर्मा, महफूज अली, मोहनीश कन्नोजिया और जिनका नाम मुझे अभी याद नही वो भी। सब लोग फोटो खिचवाने और एक दूसरे से मिलने मे मशगूल हो गए। कुछ समय बाद मेरा बडा भाई भी आ गया। राज कामिक्स ने अपना स्टाल भी लगा रखा था। कुछ rare comics भी थी लेकिन वो 25 रुपये मे बेच रहे थे। इसलिए मैंने सिर्फ एक कामिक और एक जिग्सा पजल का सैट ही लिया। मेरा भाई ध्रुव की उडनतश्तरी के बंधक ढूंढ रहा था जो उसे मिली ही नही क्योकि वो डाइजेस्ट मे थी। :) मैं उस से कह-कह कर थक गया कि भाई मेरे पास है उडनतश्तरी के बंधक लेकिन वो माना नही और पूरे टाईम उसे ही ढूंढता रहा। सब लोग ईधर-उधर घूम रहे थे और मस्ती कर रहे थे। जो लोग सिर्फ दिल्ली हाट घूमने आए थे वो भी नागराज जन्मोत्सव मे दिलचस्पी ले रहे थे।
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राहुल शशांक की कालजयी मुद्रा |
एक game और भी खेला गया था जिसका नाम था बोल वचन (Speech and Act Competition) जिसमे फैन्स को अपने सुपर हीरोज के डायलाग लाजवाब अंदाज मे बोलने होते है। बडा वाला पोस्टर तो हाथ से निकल ही गया था लेकिन मुझे तो इसमे भी participate करना ही था। कुल मिला कर 11 लोगो ने इसमे participate किया। ये game बहुत ही मजेदार होता है। अकसर लोग डायलाग मे गडबड कर देते है। इस बार तो बेटिया नोचने वाले डायलाग ने सारे crowd को हंसा-हंसा कर पागल ही कर दिया था। साथ ही anchor क्षितिज भी बीच-बीच मे चुटकी लेते रहते है। स्टेज पर मैने एक बहुत बडी गलती कर दी थी। जब मेरा नम्बर आने वाला था तो मैने अपने साथ खडे शख्स को पहले भेज दिया बाद मैं जब उस शख्स ने अपना नाम बताया तो मैंने अपना माथा पीट लिया। अबे ये तो शिवा जी आर्यन है। एक्टर। अब तो अपना नम्बर नही लगेगा। बाद मे उनकी शानदार performance देख कर मेरा confidence भी कम हो गया और इसलिए मेरी starting थोडी slow रही लेकिन आखिरी मे मैंने cover कर लिया। सभी participants की performance के बाद बताया गया कि इन मे से 5 लोग अगले राउंड मे जाएंगे और जिसमे उनके लिए एक खास ईनाम है। खैर अब इंतजार करने के अलावा क्या कर सकते थे।
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Glowing Photo Frame of Nagraj |
देर शाम को जब अनुराग कश्यप जी आए तो हमे फिर से स्टेज पर बुलाया गया और अनुराग जी को बोल वचन गेम के बारे मे बताया गया। और साथ ही हमे बताया गया कि इसमे जो जीतेगा वो डोगा की आगामी कामिक सीरिज मे एक किरदार के रुप मे नजर आएगा। ये ईनाम कुछ जबरदस्त लगा। खुशी की बात ये थी कि सिर्फ संवाद ही बोलना था। कोई एक्टिंग नही करनी थी। अब सब लोग तैयार थे। जब मेरा डायलाग आया तो मैं थोडा खुश हो गया क्योंकि ये एक लम्बा डायलाग था और मुझ से पहले सभी को इस से छोटे डायलाग मिले थे। मैं भी एक लम्बा डायलाग ही चाहता था। अब मैने बोलना शुरु किया। मैं चाहता था कि लोगो कि तरफ देख कर बोलू लेकिन बडा डायलाग होने की वजह से मै सिर्फ एक बार ही ऐसा कर पाया। लेकिन मैने बहुत ही धांसू तरीके से अपना डायलाग बोला। और लोगो की तालियो ने इस पर अपनी रजामंदी की मुहर लगा दी। मैं अपने मियां मिटठू नही बन रहा। मेरे सबसे नजदीकी प्रतियोगी और मेरे दोस्त साहिल ने भी मेरी तारिफ की। शिवा जी आर्यन को भी मेरी performance पसंद आई। Anchor क्षितिज ने कहा कि पहली बार ऐसा हुआ कि गालियो के बदले तालिया मिल रही है। इसके बाद आखिर मे साहिल ने भी हमेशा की तरह काफी अच्छा perform किया।
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Preview Copy of Kyun Hain Doga Autographed by Anurag Kashyap |
वैसे एक बात मैं और बता दू की "क्यों है डोगा" मे अब हम तीनो विजेता नजर आएंगे। इसके लेखक आलोक शर्मा जी ने ये बात पक्की कर दी है।
इन सब के बीच समय-समय पर tea-break मिलते रहे। देर शाम को जन्मोत्सव मे जासूसी उपन्यासो के लेखक श्री सुरेन्द्र मोहन पाठक और डायमंड कामिक्स के प्रधान श्री गुलशन राय जी भी वहाँ पहुँचे। सुरेन्द्र जी के प्रसंशको ने तो उन्हे बुरी तरह से घेर लिया था। काफी अच्छी fan following है उनकी। रात 9:30 पर कार्यक्र्म खत्म हुआ और लोग Dinner पर टूट पडे।
Artwork presented by Aakash |
पिछ्ली साल की तरह इस साल भी बहुत सारी कमिया रही। सब से बुरी बात तो ये लगी कि फैन्स का आपस मे get together अच्छी तरीके से नही हो पाया। सभी लोग अपने 2-4 दोस्तो के सर्कल मे ही थे। जो लोग दिल्ली से बाहर से आए थे वो हम से मिले ही नही। अभिनव दत्ता, मिथलेश, ऐश खान, इत्यादि। जबकि होना तो ये चाहिए कि हमे हर साल नए लोगो से मिले। अकसर ये होता है कि जो शख्स फोन पर या चैट पर या इंटरनेट पर उत्साह हीन और शर्मीले दिखाई देते है बो असल जिंदगी मे इस से अलग होते है। एक फैन को अपनी जानकारी के बाहर के फैन्स से मुलाकात करनी चाहिए ताकि वो उनकी सोच और अनुभव से वाकिफ हो सके। मैं इस साल भी उन्हे लोगो के साथ घूम रहा था जिनके साथ पिछले साल था। बल्कि इस साल तो और भी बुरा क्योंकि पिछले 4 सालो से साथ रहने वाला मेरा दोस्त रवि यादब अपने नए दोस्तो के साथ था। राहुल और विशाल भी अलग-अलग सिर्फ शिंवाक पाठक ही एक ऐसा नया बंदा था जो पुरे समय साथ रहा। इसके अलावा मैं सिर्फ 2-4 ही नए लोगो से मिला। मनोज पांडे, पबन खोरवाल, आदिल हुसैन। प्रहलाद दुबे और प्रतीक चारण 2 सालो से नागराज जन्मोत्सव मे आ रहे लेकिन कभी भी इन लोगो से ज्यादा बाते नही हो पाई। इस बार शाम को ज्यादा वक्त प्रहलाद दुबे से क्छ बाते हो सकी।
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Nagraj Janamotsav 2012 Autograph Pad |
कुछ कमिया राज कामिक्स की तरफ से रही। Creative team and Artist एक जगह पर कभी नही बैठे। उनके साथ फोटो खिचवाने और आटोग्राफ्स लेने मे दिक्क्त आ रही थी। Autograph Session नही हो पाया। कुछ नामी आर्टिस्ट नही पहुँचे। हुसैन जामिन जी, प्राण साहब, आदि। देखा जाए तो कुल मिला कर दो ही गेम्स हुए जबकि राज कामिक्स ने कहा था कि काफी सारे गेम्स होंगे। cosplay के विजेता को हांस्य हिंडोला के बदले एक T-shirt गिफ्ट मे मिली। Program भी एक दो कम हुए। मारुती सुजूकी वाला भी एक प्रोग्रम होना था वो भी नही हो पाया। जो लोग इस event के लिए registration नही करा पाए थे उन्हे भी काफी दिक्कते उठानी पडी।
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