 |
1st Promo of Villain Chacha |
 |
Promo of Pakistan Zindabad |
सुपर इंडियन की
शुरुआत उसकी पहली कामिक "सुपर
इंडियन" से हुई जो कि साल 2005 मे आई थी। लेकिन इसकी शुरुआत इतनी आसान
नही थी। क्योंकि शुरुआत मे सुपर इंडियन जैसे किसी कैरेक्टर के बारे मे सोचा नही
गया था। सोची गई थी तो सिर्फ एक कामिक "विलेन चाचा"। और वो भी साल 2002
मे। दरअसल साल 2002 मे दो मल्टीस्टार विशेषांकों के विज्ञापन एक साथ आए थे। जिनमे
से एक थी विलेन चाचा और दूसरी थी "पाकिस्तान जिंदाबाद"। उस वक्त क्या होता था कि
मल्टीस्टार कामिक्सों के विज्ञापन कामिक की रिलीज से 1 साल पहले ही आ जाते थे। तो
इस हिसाब से 2003 मे इन दोनो कामिक्सों को आना था। लेकिन आई सिर्फ पाकिस्तान
जिंदाबाद। विलेन चाचा की उस साल कोई खबर नही आई। मुझे ऐसा लगा कि ये कामिक शायद
रद्द कर दी गई है। लेकिन कुछ समय बाद पता चला की विलेन चाचा के कन्सेप्ट को पूरी
तरह से बदल कर एक नया सुपर हीरो बनाया जा रहा है। और मेरे ख्याल से
ये शायद 2005 से ही सुपर इंडियन के विज्ञापन कामिक्सों मे आने लगे। अब इस बीच
(2003-2004) मे विलेन चाचा का विज्ञापन आया या नही इस बारे मे मुझे ज्यादा जानकारी
नही है।
साल 2005 मे सुपर
इंडियन को गर्मियो की छुट्टियाँ मे लाने के योजना राज कामिक्स ने बना ली थी। और
साथ ही अब उसके नए विज्ञापन आने लगे थे। राज कामिक्स ने उसके विज्ञापन के साथ भी
एक अनोखा प्रयोग किया। उसके विज्ञापन के तौर पर राज कामिक्स ने सुपर इंडियन के Sneak Peek दिखाने शुरु किए। जिससे कि पाठको के मन मे इस किरदार को लेकर उत्सुक्ता
बढे। यहां आप सुपर इंडियन के तीनो sneak peek आप देख सकते है। जैसे-जैसे साल सुपर
इंडियन के लांच का समय नजदीक आता चला गया उसके sneak peek और साफ होते चले गए और
अंत मे सुपर इंडियन का पहला लुक पाठकों को देखने को मिला। मैंने यहां जो तीसरा sneak
peek लगाया है वो मैडयूसा कामिक मे से है जो अप्रैल-मई 2005 मे आई थी । और मैडयूसा
का अगला सैट ही सुपर इंडियन है।
 |
First Sneak Peek |
 |
Second Sneak Peek |
 |
Final Ad |
विशेष: सुपर इंडियन को लांच करने का sneak peek वाला आइडिया राज कामिक्स के किसी और सुपरहीरो के लांच के लिए इस्तेमाल नही हुआ है। डोगा का पहला विज्ञापन एक हद तक इससे मेल खाता है लेकिन उसका फाइनल एड पहले sneak peek से काफी अलग था तो उसे sneak peek वाली कैटिगरी मे रखना उचित नही होगा। बाकी किसी और सुपरहीरो (राज कामिक्स) के लांच के लिए sneak peek का उपयोग हुआ है तो इसकी मुझे जानकारी नही है।
 |
Port in Delhi |
अच्छा अब कई सारे लोगो
के मन मे ये सवाल आ रहे होंगे कि सुपर इंडियन को लांच करने मे इतना समय क्यों लगा।
जबकि अगर राज कामिक्से चाहती तो उसे साल 2003 मे भी लांच कर सकती थी। क्योंकि
विलेन चाचा तो उसी साल मे आनी तय मानी जा रही थी। दरअसल इस सवाल का जवाब ही सुपर
इंडियन को सुपर स्पेशल बनाता है। अगर आप राज कामिक्स के नियमित पाठक है, और आपने
राज कामिक्स के हर सुपरहीरो की कामिक्से पढी है तो आपको इस बात के बारे मे भी
मालूम होगा कि पहले के सुपरहीरो के लांच के समय उनको लेकर बहुत ज्यादा प्लानिंग़
नही की जाती थी। उदाहरण के तौर परमाणु की पुरानी कामिक्सो को ले लीजिए। परमाणु की
पहली कामिक "परमाणु" मे उसे दिल्ली मे दिखाया गया है लेकिन बाद मे
"बुलैटप्रुफ" और "डड्डू" मे दिल्ली मे ही समुंद्र तट को
दिखाया गया है। मतलब कुछ भी।
 |
Port in Delhi |
फिर "रोड रोलर" कामिक मे उसकी कुछ अजीब सी पावर दिखाई गई
है जैसे कि "हीट विजन"। जो कि आगे परमाणु की शायद ही किसी और कामिक मे
देखी गई हो। इसी तरह जब "योद्धा" आया था तो उसका "ढकमांघन"
कोई भी उठा लेता था। लेकिन अब सर्वनायक सीरिज मे बताया गया कि सिर्फ योद्धा ही
ढकमांघन को उठा सकता है। जब "एंथोनी" की पहली कामिक आई थी तो उसे एंथोनी
के बदले "क्रो सीरिज" का नाम दिया गया था। शायद तब एंथोनी को लाने की भी
कोई तैयारी नही थी लेकिन पाठकों द्वारा एंथोनी को पसंद किए जाने पर फिर उसकी और
कामिक्से भी बनाई गई। इन सबके अलावा डोगा, नागराज, ध्रुव, भेडिया, आदि की सुपर
पावर्स, या फिर उनके परिवार और अस्तित्व के ऊपर भी समय-समय पर कामिक्से आती रही।
 |
Heat Vision?? |
वैसे तो ये सब टविस्ट और रहस्योद्घाटन इन सुपरहीरोज के कामिक सफर को जारी रखने मे
और पाठकों के बीच मे इनकी लोकप्रियता को बनाए रखने मे कामयाब रहे। लेकिन बार-बार
नए-नए रहस्यों के सामने आ जाने से पाठकों मे दुविधाए के बीच दुविधाए भी बहुत बढी।
उदाहरण के लिए बालचरित सीरिज को ही ले लीजिए। इसमे रिचा के बारे मे जो बताया गया
है वो उसकी पिछली कहानी से बिल्कुल भी मैच नही करता। और अगर और बारिकी से समझना है
तो नागराज के पुराने विलेन्स को देख लीजिए। शुरुआत मे नागराज का हर विलेन नागराज
के हाथों मौत को प्राप्त होता है लेकिन फिर बाद मे उनमे से कुछ "खजाना"
सीरिज मे नजर आते है। और थोडांगा ने तो जैसे मृतसंजीवनी बूटी खा रखी है। 3-4 बार
मरकर भी वो जिंदा है।
 |
Fake Dhakmanghan?? |
 |
Crow Series (Not Anthony Series) |
ऊपर दी गई जानकारी से आप लोगो को ये तो समझ आ गया होगा कि राज कामिक्स पहले अपने सुपरहीरोज
को किसी खास प्लान के साथ लांच नही करते थे। (सिर्फ 1-2 अपवादों को छोडकर) जबकी
सुपर इंडियन को एक पूरे प्लान के साथ लांच किया गया था। इसलिए इसे लेकर राज
कामिक्स ने कोई जल्दबाजी नही दिखाई और साथ ही इसे एक अलग ही जोश के साथ मैदान मे
उतारने का निर्णय लिया। अब मैं यहां सुपर इंडियन के किरदार से जुडी अहम बाते नही
बताऊंगा। वो आप लोग उसकी कामिक्से पढ कर खुद ज्यादा अच्छे तरीके से समझ सकेंगे।
लेकिन सुपर इंडियन को जिस तरह से कामिक
जगत मे लाया गया वो अभूतपूर्व था। जैसे कि उसके लिए एक अत्याधिक आधुनिक नगर का निर्माण किया गया। यहां अपराध करना दूसरे शहरों के मुकाबले काफी मुश्किल था। इसके लिए अपराधियों को भी आधुनिक यंत्रो और तकनीक की सहायता लेनी पडी। इसके जरिए आधुनिक तकनीक को मह्तव दिया गया और साथ ही अपराध और क्राइम फाइटिंग को भी एक आधुनिक नगर के परिवेश मे पुन: परिभाषित किया गया। साथ ही उसके
पूर्व और अस्तित्व के बारे मे बडी ही सरलता से बताया गया। सुपर इंडियन को एक लांच
तो एक सुपरहीरो के रूप मे किया गया, लेकिन उसकी कामिक्सों मे उसे हमेशा कानून का
गुनाहगार ही दिखाया गया। कुछ-कुछ डोगा जैसा। बस सुपर इंडियन कानून वैसे नही तोडता
जैसे डोगा तोडता है। सुपर इंडियन की एक और खास बात है। और वो ये कि ये किसी विदेशी
सुपरहीरो से प्रभावित नही लगता। कम से कम मुझे तो ऐसा ही लगता है। एक अच्छी बात और
रही सुपर इंडियन के साथ। और वो ये कि सुपर इंडियन का चित्रांकन युवा वा
प्रतिभाशाली "ललित शर्मा" जी को दिया गया, जिन्होंने जल्द ही सुपर
इंडियन की कामिक्सो को चित्रों के हिसाब से काफी सुंदर बना दिया। सुपर इंडियन की
कहानियों मे नवीनता लाने का काम किया अनुभवी "तरूण कुमार वाही" जी ने।
हालाकि इसकी परिकल्पना "विवेक मोहन" जी ने की थी।
विशेष: सुपर इंडियन
राज कामिक्स का एकमात्र ऐसा सुपरहीरो है जिसकी 32 पन्नों वाली कोई कामिक नही आई।
 |
Villain Chach New Ad |
सुपर इंडियन को लेकर
शुरु मैं भी इतना उत्साहित नही था। ये शायद 2008-2009 के करीब की बात है। और तब तक
मैंने इसकी कुछ एक ही कामिक पढी थी। उस वक्त मे ज्यादातर ध्रुव की ही कामिक्से
पढता था। (स्पाइडर, नागायाण सीरिज) फिर एक बार राज कामिक्स फारम पर एक सुपर इंडियन
के एक टापिक पर मैंने इसके बारे मे कुछ नेगेटिव कमेंटस पढे। मुझे वो कमेंटस सही
लगे। लेकिन फिर एक अन्य फैन ने समझाया कि सुपी (सुपर इंडियन) इतना बुरा नही है जितना
कि लोग उसे समझते है। तब मैंने एक बार दुबारा से इस पर विचार किया और मुझे ये एकदम
सही लगा। और मुझे किस आधार पर ये सही और इतना स्पेशल लगा वो मैंने आप लोगो को ऊपर
बता दिया है।
 |
Hightech Hero Ad |
सुपर इंडियन को राज कामिक्स ने बहुत ही उम्मीदों के साथ बनाया था। और ये वक्त की मांग भी थी क्योंकि इससे पहले शक्ति साल 1998 मे आई थी और तिरंगा, स्टील और एंथोनी 1995-96 मे आए थे। इस हिसाब से इन्हें 2 साल (2000) के अंदर ही कोई सुपरहीरो लेकर आना चाहिए था। लेकिन पहले से कुछ हटकर और बढिया करने की चाह ने 7 साल लगा दिए। और फिर जब 7 साल बाद सुपर इंडियन की कामिक आई, तब कामिक के प्रति लोगो का आर्कषण कम होने लगा था। इसकी दो वजहे थी। पहली वजह थी केबल नेटवर्क का घर-घर पहुंचना। अब आम जन-मानस भी केबल नेटवर्क की सुविधाए लेने लगा था। मेरे खुद के घर मे साल 2005 मे केबल का कनेक्श्न लगा था। केबल के जरिए लोगो को काफी मनोरंजक सामग्री मिल रही थी। जिससे उनका कामिक्सों के प्रति लगाव कम होने लगा। दूसरी वजह थी कामिक फैन्स का अब स्कूल पास आउट होना। मुझे अब स्कूल पास आउट हुए एक साल हो गया था। और इस वक्त मैं सिर्फ ध्रुव की कामिक्से खरीद रहा था। और वो भी एक साल के अंतराल के बाद। साथ ही मेरे साथ के जो कामिक पढने वाले दोस्त थे, वो भी अब कामिक पूरी तरह से छोड चुके थे। इससे मैं अंदाजा लगा सकता हूं कि मेरी उम्र के बाकी लोग भी उस वक्त तक या तो कामिक छोड चुके थे या फिर स्कूल और कालेज के बीच मे इसे छोडने वाले थे। साथ ही अब मोबाइल फोन भी युवाओं को भाने लगे थे। ऐसे समय मे पुराने सुपरहीरोज का टिके रहना भी मुश्किल होने लगा था। फिर सुपर इंडियन जैसे नए सुपरहीरोज को कौन पूछता। और इसी वजह से सुपर इंडियन को वो सफलता नही मिल पाई जिसका वो हकदार था।
 |
Super India Complete Collection Now |
 |
Super Indian Complete Collection |
सुपर इंडियन पाठकों के
बीच उतना लोकप्रिय नही हो पाया जितना कि राज कामिक्स ने सोचा था। लेकिन इसमे पाठकों
का कम, समय का दोष ज्यादा है। वैसे सुपर इंडियन से जुडी अपनी की एक खास बात मे आप
लोगो को बताता हूं। मेरे पास सुपर इंडियन की अब तक प्रकाशित सारी कामिक्से है। कुछ समय पहले तक "सुपर इंडियन" मेरे पास हार्ड कापी मे नही थी। वो मेरे पास डिजीटल फार्मेट मे
उपलब्ध है। लेकिन वो भी अब मेरे पास हार्ड कापी मे उपलब्ध है। अब इस लेख को समाप्त करने का वक्त आ गया है। आप लोगो के पास कोई ब्लाग
के लिए कोई सुझाव या कोई विषय है तो कृप्या कमेंट मे उसके बारे मे बताए। तब तक के
लिए विदा।
जुनून।
Another great article brother. Sea shore in Delhi haha, how come I forgot this :)
ReplyDeleteI noticed this few years back. :)
DeleteI have a suggestion that u have to publish new articles on current toons stories for new generation younger.
ReplyDeleteGood Article
Best Article
Nice Article
Good Article
Really Good Article
Really Good
Really Good
Really Good
Really Good