सभी दोस्तो का स्वागत है मेरी इस नई पोस्ट और राज
कामिक्स के शक्ति वर्ष 1998 मे। इस बात से तो सभी लोग इत्तेफाक रखते होंगे कि 1997
Nagraj
and Super Commando Dhruva Double Action Year काफी शानदार रहा। हमे बहुत सारे
टू-इन-वन विशेषांक पढने को मिले। अपने सुपर हीरोज को एक साथ और एक दूसरे के खिलाफ
लडते देखना सभी पाठकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी अनुभव रहा होगा। अब राज कामिक्स
रोमांच के इस सफर को और भी तेज रफ्तार देने वाली थी। बहुत सारी दिलचस्प कहानियो और
क़िरदारो को पाठकों तक पहुंचाने के अलावा अब वो कुछ ऐसा करने जा रही थी जो कि भारतीय कामिक्सो मे बहुत
ही कम देखने को मिलता है। भारतीय समाज की तरह ही पुरुष प्रधान भारतीय कामिक्स जगत
मे किसी महिला किरदार को राज कामिक्स पहली बार उतारने जा रही थी। मतलब कि राज
कामिक्स की पहली सुपर हीरोईन। जो कि प्रतिनिधित्व करेगी नारी का। यानी का टकराव तय
था अब हमारे सुपर हीरोज और शक्ति मे। “शक्ति”। यही नाम दिया गया इस किरदार को और पूरा न्याय किया इस
किरदार ने अपने नाम के साथ भी और उस उद्देश्य के साथ भी जिसे ध्यान मे रखकर इसे
रचा गया। इस पोस्ट का केन्द्र बिंदु रहेगी शक्ति। तो शुरुआत करते है शक्ति वर्ष 1998
की।
शक्ति वर्ष 1998 का पहला सैट था भोकाल की कपालिका
कामिक का। अभी भोकाल की महारावण सीरिज चल ही रही थी। इस कामिक के ग्रीन पेज मे
शक्ति वर्ष का जिक्र तो हुआ था लेकिन अभी यह नही बताया गया था कि ये शक्ति है कौन?
शक्ति वर्ष के लोगो मे राज कामिक्स के 6 हीरोज बनाए गए थे और शुरुआत मे ऐसा ही लगता था कि इन्ही की
एकजुटता को ध्यान मे रखकर 1998 को शक्ति वर्ष का नाम दिया गया है। लेकिन थोडे समय
बाद ही प्रकाशित हुई “बांबी” कामिक मे शक्ति पहली बार नजर
आई। बांबी कामिक के ही ग्रीन पेज मे शक्ति के बारे मे बहुत थोडा लिखा हुआ था। उसकी
आने वाली कामिक्सो के नाम दे रखे थे। वैसे शक्ति को बांबी के कवर पर पहली बार देख
कर ऐसा ही लगा था कि ये कोई नई सह किरदार (sidekick) है। उस वक्त तो किसी ने भी नही
सोचा होगा कि ये भी राज कामिक्स परिवार का एक अहम हिस्सा बनेगी।
Maharavan Series |
1998 मे महारावण सीरिज के बाद भोकाल के general issues ही आते रहे। धरणीधर,
विश्वरक्षक, लघुघाती, इत्यादि। ये साल भी भोकाल के लिए अच्छा रहा। अब उसके पास
उसकी भोकाल शक्ति भी लौट आई थी।
Promo of Doga- Shakti |
First Explosive 1 |
First Explosive 2 |
Parmanu-Shakti |
वापिस चलते है शक्ति के पास। डोगा-शक्ति मे दिखाया गया कि शक्ति को शक्तियाँ कैसे मिली। कैसे एक अबला नारी (चंदा) ने जब नारी जाति पर हो रहे अत्याचार की दुहाई काली माँ के मंदिर मे दी तो उसके जवाब मे खुद माँ काली ने अपनी सारी विध्वंसक शक्तियाँ उसे प्रदान की और उसे नारी जाति की सुरक्षा का दायित्व देकर शक्ति बना डाला। चंदा अब शक्ति के रुप मे तैयार थी। अपनी शक्तियों के बारे मे थोडी सी अवगत और थोडी सी अंजान। और तैयार थी नारी समाज के सम्मान की सुरक्षा के लिए और उस पर हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए। लेकिन खुद चंदा पर हुए जुल्म का हिसाब शक्ति ने इस कामिक मे नही दिया। इसके लिए पाठकों और शक्ति को इंतजार करना पडा शक्ति के आगामी विशेषांक का। परमाणु-शक्ति का। परमाणु-शक्ति, शक्ति का तीसरा विशेषांक था। वैसे इसी बीच शक्ति भेडिया के साथ दो कामिक्सो मे भी नजर आई। आई शक्ति और जिंदा पत्थर। और कुल मिला कर अब तक शक्ति राज कामिक्स के चार सुपर हीरोज के साथ आ गई थी। और अभी तो आधा साल भी पूरी तरह से खत्म नही हुआ था। मतलब अभी शक्ति वर्ष के और भी धमाके बाकी थे।
लेकिन फिलहाल के लिए परमाणु पर ही स्थिर रहते है और जानते है कि इस साल राज कामिक्स मे
कितने परमाणु विस्फोट हुए। परमाणु के लिए साल की शुरुआत अच्छी रही। उसे अपना दूसरा
सुपर विलेन इसी साल मिला। बात हो रही है “इतिहास” की। इतिहास परमाणु की इस साल की दूसरी कामिक थी। पहली
कामिक थी “चट्टान”।
इतिहास के बाद परमाणु तिरंगा के साथ टू-इन-वन कामिक विशेषांक “तुरुपचाल” मे नजर आया। तुरुपचाल
की ख़ासियत उसके आर्टवर्क मे थी। एक ही कलाकार की पेन्सलिंग पर अलग-अलग कलाकारों
ने इंकिग कर रखी थी। इसके बाद परमाणु शक्ति के अलावा परमाणु के 32 पन्नो वाले
कामिक ही आए। घोंघा, स्टीमर और लिम्पेट बम। लिम्पेट बम मे प्रोफेसर
को फिर से परमाणु के हाथो जेल मे पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन सबके अलावा
परमाणु की एक कामिक और आई थी। इन सबसे अलग और इन सबसे बेहतरीन। उसका जिक्र आगे के
लिए मैंने बचा रखा है।
Dhruva-Shakti |
ध्रुव शक्ति से पहले इस साल अतीत आ चुकी थी और उसका
जिक्र अपनी पिछली पोस्ट मे कर चुका हूँ। अतीत के बाद ध्रुव की जिग्सा आई थी जिसमे
अंत मे ध्रुव अपने परिवार के बारे मे जान ही लेता है। इस कामिक के साथ ही ध्रुव को
एक नया origin
भी मिल
जाता है। ध्रुव के इन सभी कामिक्सो को
लेकर फैन्स बहुत उत्साहित थे। लेकिन उससे भी ज्यादा बेसब्री से लोग इंतजार
कर रहे थे ध्रुव के कामिक “जंग” का। इस कामिक मे पहली बार ध्रुव को ये अहसास हुआ कि उसका
मुकाबला खुद उसी से है। “नक्षत्र” को बिल्कुल ध्रुव की तरह ही बनाया गया था। सर्कस मे पला
बढा। उसी की तरह हर एक कला मे माहिर और दिमाग भी ध्रुव के जैसा ही तेज। ये मुकाबला
देखने के लिए हर कोई बैचेन था। अफसोस की बात ये रही की नक्षत्र फिर लम्बे समय तक
किसी कामिक मे नजर नही आया। सिवाय ध्रुविष्य मे एक छोटे से मेहमान के रुप मे और
भविष्य मे चल रही नागायण मे।
First Promo of Nisachar |
Nisachar Promo by me |
Dharporsankh |
देखा जाए तो ये पोस्ट अभी तक काफी गंभीर जा रहा है।
हर नए paragraph
मे कुछ
विचार करने योग्य तथ्य है। तो फिलहाल इस गंभीर सफर को थोडी देर के लिए विश्राम
देते है और थोडा मन को गुदगुदाते लेते है राज कामिक्स के हास्य किरदारो के बारे मे
बातचीत कर के। शुरुआत करते है राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय हास्य किरदार बांकेलाल
के साथ। बांकेलाल की इस साल की पहली कामिक थी “काटो-काटो।” और चूंकि अभी तक बांकेलाल की ज्यादातर कामिक्से 32 पन्नो
वाली ही आती थी तो इस साल भी उसकी काफी कामिक्से आई। शाप का टोकरा (अभी हाल मे आई
बांकेलाल की कामिक “हम सब
पागल है” थोडी बहुत इसी से
प्रेरित थी), जादूगर करारा, घुंघरु, दुमतारा, नागपंचमी, तीस मार खां, मोतियाबिंद,
चोंचू, खोदा, शैतान, मुच्छड मनहूस, छुपन छुपाई और यम यम थी। साथ ही इस साल बांके
का एक विशेषांक “ढपोरशंख”
भी आया था। ये बांकेलाल का तीसरा विशेषांक था। ढपोरशंख मे ही बांकेलाल के एक और
विशेषांक (जादुई मुहावरे) का एड था जो कि वर्ष 1999 मे आना था। यानि अब
बांकेलाल के विशेषांक भी अब
साल भर मे आने लगे थे। बांकेलाल के फैन्स के लिए ये बडी खुशी की बात थी।
गमराज के बारे मे बताने के लिए मेरे पास ज्यादा कुछ
नही है। क्योंकि अभी मैंने गमराज को नियमित रुप से पढना शुरु नही किया था। गमराज
के सामान्य कामिक ही आ रहे थे। और उसे लोकप्रिय बनाने के लिए अभी भी उन मे विभिन्न
प्रकार की प्रतियोगितायें होती थी। इस साल गमराज की जितनी कामिक्से आई उन मे से
कुछ के नाम मैं यहाँ बता देता हूँ। बुढिया के बाल, कमांडो, खोटा सिक्का, अडियल
टट्टू, तुलातोड।
Cover page by Anupam Sinha |
फाइटर टोडस के बारे मे भी ज्यादा नही बता पाऊंगा।
क्योंकि अभी भी उनके सामान्य कामिक (32 pages) ही आ रहे थे। बगैर अनुपम सिन्हा जी के। तो इस वक्त
मैंने उनके कामिक पढना लगभग छोड ही दिया था। उनकी किसी भी नई कामिक मे अब मजा नही
आता था। इस साल आई उनकी कुछ कामिक्सो के नाम है, टाइम मशीन, टोडस एक्शन, प्रोफेसर
तामझाम, हैप्पी बर्थ डे, सब गायब और सायरन। इन सब मे से प्रोफेसर तामझाम की खाशियत
ये थी कि उसका कवर पेज अनुपम सिन्हा जी ने बनाया था।
Soorma Promo |
तानाशाह के बाद नागराज का एक और सुपर स्पेशल
विशेषांक आया। लेकिन इस बार उसके साथ ध्रुव नही बल्कि वंडर मैन परमाणु था। परमाणु
के बारे मे लिखते हुए मैंने इसी खास कामिक का जिक्र किया था। इस कामिक की कई विशेषताए
थी। जैसे नागराज अब तक सिर्फ ध्रुव, फाईटर टोडस, और भेडिया के साथ ही नजर आया था।
परमाणु के साथ ये उसकी पहली कामिक थी। पहली बार अनुपम सिन्हा जी ने परमाणु को
बनाया। पहली बार ध्रुव का कोई विलेन नागराज से टकराया। ये बाते थी जिन पर गौर करना
ज्यादा मुश्किल नही था। लेकिन कामिक के अंदर भी बहुत सारे surprise थे। खास तौर पर परमाणु
के लिए। कहानी थी डाक्टर वायरस की एक और खतरनाक वायरस को पैदा करने की ख्वाहिश को
लेकर। ध्रुव के डर से अब डाक्टर वायरस दिल्ली मे काम कर रहा था। उस वायरस को बनाने
के लिए जरुरत थी तेज जहर की। जहर यानी नागराज। नागराज और परमाणु के बीच गलतफहमी
पैदा करने की साजिश इस जहर को पाने की योजना मे ही शामिल थी। अब टकराव निश्चिंत था
और इस मे जीत उसी की होने थी जो था दूसरे से बडा “सूरमा”। इस कामिक से परमाणु की
जिंदगी मे कुछ बदलाव आए। उसके मामा लम्बे समय के लिए कोमा मे चले गए। लेकिन कोमा
मे जाने से पहले वो परमाणु को नई बेल्ट और प्रोबाट सोप गए। दोनो ही आज तक एकदम सही
काम कर रहे है।
सूरमा के बाद नागराज की सपेरा आई। ये इस साल की
नागराज की आखिरी कामिक थी। ये साल नागराज के लिए काफी एक्शन पैक्ड रहा। 4 मे से 3 कामिक्सो मे हमे नागराज
का खूब एक्शन देखने को मिला। सपेरा नागराज के Adventure कामिक्स मे आती है।
नागराज के बाद बात करते है अब ऐसे किरदार की जिस पर
अब तक का सबसे बडा प्रयोग हुआ और वो भारतीय कामिक्स के इतिहास मे एक मिसाल बन गया।
ये साल राज कामिक्स के लिए काफी प्रयोगात्मक और बदलाव से भरपूर रहा। क़िरदारो के
लुक्स मे बदलाव किए गए। उनकी शक्तियो मे बदलाव किए गए। उनके मूल मे बदलाव किए गए।
साथ ही एक नए किरदार (शक्ति) को भी लाया गया। लेकिन अब जिस बदलाव और प्रयोग के
बारे मे बताने वाला हूँ वो इन सबसे अनूठा है। 1998 से पहले सिर्फ भेडिया था। कोबी
का जन्म अब होने वाला था। दो विपरीत शक्तियों, फोबोस और मोबोस को गुरुराज भाटिकी
ने भेडिया के शरीर मे प्रविश्ट कराया ताकि वो उसमे से जानवार वाले कोबी रुप को अलग
कर सके और फिर से वुल्फानो की स्थापना कर सके। इस सारी साजिश की तैयार पहले सी
शुरु हो चुकी थी। जानवर कामिक से। फूजो और जेन भेडिया के हिंसक रवैये से
हैरान और परेशान थे जिसकी वजह फोबोस की विनाशकारी ताकत थी।
First comic on Glossy Paper |
कोबी और भेडिया कामिक मे भेडिया के लिए ये दुविधा और बढ गई कि वो हिंसा के मार्ग का अपनाए या अहिंसा के। और उस की इसी अंदरुनी कशमकश और दोनो विपरीत शक्तियो ने उसके शरीर को ही दो भागो मे विभक्त कर दिया। खैर गुरुराज भाटिकी का कोबी को वापिस वुल्फानो मे ले जाने का सपना तो पूरा नही हुआ। कोबी को भेडिया के हाथों हार का सामना करना पडा। फिर भी कोबी जेन से शादी करने मे कामयाब हो गया था। इस कामिक की एक और विशेषता ये थी कि ये Raj Comics की पहली कामिक थी जो Glossy Paper मे आई थी।
कोबी और भेडिया के अलावा भेडिया की और जो कामिक्से
आई उनमे से एक प्रमुख कामिक है “आधे इंसान।” इस कहानी का शीर्षक बहुत ही वाजिब है। क्योंकि ये दो ऐसे
हीरोज की कहानी है जो पूरी तरह से इंसान नही है। भेडिया जो कि आधा जानवर है और
इंस्पेक्टर स्टील जो कि आधा मशीन है। इस कामिक मे इन दोनो के टकराव को तो दिखाया
ही गया साथ ही उनकी अंदरुनी जद्दोजहद को भी दिखाया गया। काफी भावनात्मक कामिक है
ये। फिलहाल ये कामिक मेरे पास नही है और मेरी हिट लिस्ट मे शामिल है। आधे इंसान के
अलावा कोबी और भेडिया के डोगा के साथ दो टू-इन-वन विशेषांक और आए। सावधान डोगा और
कौन बडा जल्लाद। एक तरफ शहर का जल्लाद और दूसरी तरफ जंगल के जल्लाद। हम्म्म्म। ये
मुकाबला था देखने लायक। सावधान डोगा मे कोबी और भेडिया को ज्यादा फ्रेम्स नही
मिले। क्योंकि शहर से डोगा को जंगल मे लाने के लिए आधार इसी कहानी को बनाया गया।
लेकिन कौन बडा जल्लाद मे कोबी और भेडिया ने खूब हाथ पांव चलाए। साथ ही डोगा ने भी
जंगल के शैतानो से दो-दो हाथ किए। दोनो ही काफी मस्त कामिक है।
Half Human |
इन विशेषांकों के अलावा इस साल भेडिया की ये
कामिक्से आई। गजारा, मौत मेरे अंदर, इंद्रजाल, मुगांबो, अंधी धुंध, टोटमपोल,
भुजंग, जाग कृत्या जाग, काला सोना और नीली लाशें।
The evolution of Bharat |
Some good comics of Anthony. Year 1998 |
कामिक्सो के अलावा अब राज कामिक्स बच्चो के लिए एक मासिक पत्रिका “फैंग” भी प्रकाशित करने लगी थी। मुझे सही से मालूम नही कि ये कौन से साल मे शुरु हुई। शायद 1997 के आखिरी महिनों मे इसका पहला अंक आ गया था। ये किताब भी मैं बहुत चाव से पढता था। अनाडी के कारनामे इस पत्रिका का सबसे अच्छा भाग होते थे।
Here comes Shakti. First Solo Comic of Shakti |
अब शक्ति से इस पोस्ट की शुरुआत करी थी तो शक्ति से ही इस पोस्ट का अंत भी करते है। ऊपर बताई गई शक्ति की कामिक्सो के अलावा ये और कामिक्से आई इस साल। आई शक्ति, वर्दी वाली औरत, पवन पुत्री, मौत के दीवाने, जोकर, खबरदार शहरी। अगला साल भी शक्ति के लिए काफी अच्छा होने वाला था क्योंकि अब वो 96 पन्नो वाले विशेषांक मे भी आने वाली थी। नागराज और ध्रुव के साथ “कलयुग” मे। निशाचर और कलयुग 1999 के दो बेहतरीन विशेषांक थे। अगली पोस्ट मे इनका जिक्र होगा और साथ ही जिक्र होगा 1999 मे प्रकाशित हुई अन्य कामिक्सो, उनसे जुडी खास बातों और राज कामिक्स के नए प्रयोगों का। फिलहाल के लिए अभी बहुत लिख चुका हूँ। अब आप लोगो से मुलाकात होगी 1999 मे। आप लोगो को ये समय यात्रा कैसी लग रही है। कृप्या अपने सुझावों से अवगत कराए।
जुनून।
Supperb Article :)
ReplyDeleteVery informative and entertaining too
ReplyDeletebahut hi badiya.
ReplyDeleteBahut hi badhiyaa aalekh ,sanjay ji ! aapne sach me bhule bisre dino ki yaad dilaa di ,ise padhte huye aisaa lagaa maano bhi yah daur kal hi ki baat hai .
ReplyDeleteपोस्ट पसंद करने के लिए धन्यवाद देवेन जी। बाकी पोस्टस को भी एक बार देखिए। :)
Deleteसभी लोगो को पोस्ट पसंद करने के लिए धन्यवाद।
ReplyDeleteAapki likhi Raj Comics se judi unn yaadon ko ek saans mein padhe bina nahin reh sake...
ReplyDeleteBahut behtareen likha hai aapne apne comics prem ke baare mein.
Humne Shakti Varsh se hi apni shuruaat kari thi...Poora Set lene ki...Doga-Shakti wala liya tha...First Time.
Par phir Regular comics padhne mein 2 saal ka Gap ban gaya tha...haan thoda bahut judaav bana raha.
Nagraj aur Dhruva ke alawa baaki heroes ke baare mein 98 tak jyada kuch nahin maaloom tha...Kai ki toh koi comics bhi nahin padhi thi.
Anthony ki Koyla-Dehakata sheher padhi...woh bahut achchi lagi...Uske baad aage ke saalo mein Anthony ki comics lene ke liye kabhi soch-vichar nahin karna pada.
Steel,gamraj,Todes wagairah mein Ruchi kabhi ban hi nahin paayi....Ikka-Dukka hi inki pasand thi....Bhokal ko hum ek Raja ke time ka Hero jaankar padhne se hamesha bhaagte the...kabhi comics haath mein li bhi toh ulat-palatkar wapas rakh di..hehe
Year 1999 ki post ka intezaar rahega.
I used to read comic in a managed way. On release of each set, I first read the Special issue of that set. Obviously on rent. Then if there was Tiranga comic in set, I read it on second number. After that whenever I got chance and money, I read other comics. I did not read all comics. Steel and Gamraj are two characters which I hardly read. But I became a fan of Fang Magazine instantly. I liked to read it very much. I Did not like Raj Chitra Katha. Unfortunately I could read only few comics of Anthony at that time. Though his comics were a quality product yet I missed most of them. According to a friend, he is the most underestimate superhero of Raj comics.
DeleteThank you very much for saving these memories
ReplyDeleteबहोत ही बढ़िया लेखनी और जानकारी संजय जी, आभार.
ReplyDeleteब्लाग पंसद करने के लिए धन्यवाद।
Delete