Google Old Hindi Comics - Blog | Indian Comic Book | Raj Comics: Shakti Year 1998. Femininity in Raj Comics

Shakti Year 1998. Femininity in Raj Comics

सभी दोस्तो का स्वागत है मेरी इस नई पोस्ट और राज कामिक्स के शक्ति वर्ष 1998 मे। इस बात से तो सभी लोग इत्तेफाक रखते होंगे कि 1997 Nagraj and Super Commando Dhruva Double Action Year काफी शानदार रहा। हमे बहुत सारे टू-इन-वन विशेषांक पढने को मिले। अपने सुपर हीरोज को एक साथ और एक दूसरे के खिलाफ लडते देखना सभी पाठकों के लिए बहुत ही रोमांचकारी अनुभव रहा होगा। अब राज कामिक्स रोमांच के इस सफर को और भी तेज रफ्तार देने वाली थी। बहुत सारी दिलचस्प कहानियो और क़िरदारो को पाठकों तक पहुंचाने के अलावा अब वो कुछ ऐसा करने जा रही थी जो कि भारतीय कामिक्सो मे बहुत ही कम देखने को मिलता है। भारतीय समाज की तरह ही पुरुष प्रधान भारतीय कामिक्स जगत मे किसी महिला किरदार को राज कामिक्स पहली बार उतारने जा रही थी। मतलब कि राज कामिक्स की पहली सुपर हीरोईन। जो कि प्रतिनिधित्व करेगी नारी का। यानी का टकराव तय था अब हमारे सुपर हीरोज और शक्ति मे। शक्ति। यही नाम दिया गया इस किरदार को और पूरा न्याय किया इस किरदार ने अपने नाम के साथ भी और उस उद्देश्य के साथ भी जिसे ध्यान मे रखकर इसे रचा गया। इस पोस्ट का केन्द्र बिंदु रहेगी शक्ति। तो शुरुआत करते है शक्ति वर्ष 1998 की।

शक्ति वर्ष 1998 का पहला सैट था भोकाल की कपालिका कामिक का। अभी भोकाल की महारावण सीरिज चल ही रही थी। इस कामिक के ग्रीन पेज मे शक्ति वर्ष का जिक्र तो हुआ था लेकिन अभी यह नही बताया गया था कि ये शक्ति है कौन? शक्ति वर्ष के लोगो मे राज कामिक्स के 6 हीरोज बनाए गए थे और शुरुआत मे ऐसा ही लगता था कि इन्ही की एकजुटता को ध्यान मे रखकर 1998 को शक्ति वर्ष का नाम दिया गया है। लेकिन थोडे समय बाद ही प्रकाशित हुई बांबी कामिक मे शक्ति पहली बार नजर आई। बांबी कामिक के ही ग्रीन पेज मे शक्ति के बारे मे बहुत थोडा लिखा हुआ था। उसकी आने वाली कामिक्सो के नाम दे रखे थे। वैसे शक्ति को बांबी के कवर पर पहली बार देख कर ऐसा ही लगा था कि ये कोई नई सह किरदार (sidekick) है। उस वक्त तो किसी ने भी नही सोचा होगा कि ये भी राज कामिक्स परिवार का एक अहम हिस्सा बनेगी।

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खैर, अभी बात भोकाल की कपालिका और महारावण सीरिज की चल रही है तो उसे को आगे बढाते है। ये महारावण सीरिज की छठी कामिक थी। इसके बाद इस श्रंखला की तीन कामिक्से और आई और साल के मध्य तक इस सीरिज का समापन हो गया। ये  श्रंखला बहुत ही कामयाब रही। आज, जब मैं ये पोस्ट यहाँ टाईप कर रहा हूँ तो, इस सीरिज को 15 साल हो गए है रिलीज हुए। और आज भी इस सीरिज की मांग पाठकों मे बहुत ज्यादा है। यही वजह है कि राज कामिक्स इस साल से शुरु हो रहे Comic Fest India मे इस पूरी सीरिज का एक special edition release करने जा रही है। मुझे तो लगता है कि इस बार के कार्यक्रम की USP कही ये ही ना बन जाए।

1998 मे महारावण सीरिज के बाद भोकाल के general issues ही आते रहे। धरणीधर, विश्वरक्षक, लघुघाती, इत्यादि। ये साल भी भोकाल के लिए अच्छा रहा। अब उसके पास उसकी भोकाल शक्ति भी लौट आई थी।

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First Explosive 1
शक्ति को ही ध्यान मे रखते हुए आगे बढते है। जैसा कि मैने ऊपर लिखा कि शक्ति पहली बार बांबी नजर आई थी। लेकिन शक्ति शक्ति कैसे बनी इसका खुलासा हुआ डोगा-शक्ति मे। डोगा शक्ति का एड पहली बार खूनी पहेलिया कामिक मे आया था। और ये बहुत ही जबरदस्त एड था। डोगा जो कि मर्दानगी की पहचान है उसकी टक्कर थी नारी के प्रतीक शक्ति से। डोगा-शक्ति 1998 का डोगा का पहला विशेषांक भी था। और इस साल डोगा के ज्यादातर विशेषांक ही आए। रात की रानी, भूल गया डोगा, सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। सारी कामिक्से बहुत अच्छी थी। रात की रानी का आर्टवर्क बहुत ही खूबसूरत बना है। इसकी वजह इसके कलर इफैक्टस है। साथ ही इस कामिक से डोगा का Letter Column एक्सपलोसिव भी शुरु हुआ।


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First Explosive 2
रात की रानी से मेरा एक अनुभव भी जुडा हुआ है। जब ये कामिक आने वाली थी तो मैं अक्सर एक बस स्टैंड की दुकान पर कामिक्से पढा करता था क्योंकि उसी के पास नया सैट सबसे पहले आता था। जब भी कोई नई कामिक आने वाली होती थी तो मैं इसी दुकान पर बार-बार जाकर पूछा करता था। ऐसे ही एक बार मैंने दुकानदार से पू्छा कि रात की रानी है क्या? तो वो खीज कर बोला नही, दोपहर का राजा है। ये सुनकर मैं हल्का सा मुस्कुराता हुआ वहाँ से चला गया। अब इसे सोच कर भी हंसी आती है।

परमाणु, शक्ति, राज कामिक्स
Parmanu-Shakti

वापिस चलते है शक्ति के पास। डोगा-शक्ति मे दिखाया गया कि शक्ति को शक्तियाँ कैसे मिली। कैसे एक अबला नारी (चंदा) ने जब नारी जाति पर हो रहे अत्याचार की दुहाई काली माँ के मंदिर मे दी तो उसके जवाब मे खुद माँ काली ने अपनी सारी विध्वंसक शक्तियाँ उसे प्रदान की और उसे नारी जाति की सुरक्षा का दायित्व देकर शक्ति बना डाला। चंदा अब शक्ति के रुप मे तैयार थी। अपनी शक्तियों के बारे मे थोडी सी अवगत और थोडी सी अंजान। और तैयार थी नारी समाज के सम्मान की सुरक्षा के लिए और उस पर हुए अत्याचार का बदला लेने के लिए। लेकिन खुद चंदा पर हुए जुल्म का हिसाब शक्ति ने इस कामिक मे नही दिया। इसके लिए पाठकों और शक्ति को इंतजार करना पडा शक्ति के आगामी विशेषांक का। परमाणु-शक्ति का। परमाणु-शक्ति, शक्ति का तीसरा विशेषांक था। वैसे इसी बीच शक्ति भेडिया के साथ दो कामिक्सो मे भी नजर आई। आई शक्ति और जिंदा पत्थर। और कुल मिला कर अब तक शक्ति राज कामिक्स के चार सुपर हीरोज के साथ आ गई थी। और अभी तो आधा साल भी पूरी तरह से खत्म नही हुआ था। मतलब अभी शक्ति वर्ष के और भी धमाके बाकी थे।

लेकिन फिलहाल के लिए परमाणु पर ही स्थिर रहते है और जानते है कि इस साल राज कामिक्स मे कितने परमाणु विस्फोट हुए। परमाणु के लिए साल की शुरुआत अच्छी रही। उसे अपना दूसरा सुपर विलेन इसी साल मिला। बात हो रही है इतिहास की। इतिहास परमाणु की इस साल की दूसरी कामिक थी। पहली कामिक थी चट्टान। इतिहास के बाद परमाणु तिरंगा के साथ टू-इन-वन कामिक विशेषांक तुरुपचाल मे नजर आया। तुरुपचाल की ख़ासियत उसके आर्टवर्क मे थी। एक ही कलाकार की पेन्सलिंग पर अलग-अलग कलाकारों ने इंकिग कर रखी थी। इसके बाद परमाणु शक्ति के अलावा परमाणु के 32 पन्नो वाले कामिक ही आए। घोंघा, स्टीमर और लिम्पेट बम। लिम्पेट बम मे प्रोफेसर को फिर से परमाणु के हाथो जेल मे पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इन सबके अलावा परमाणु की एक कामिक और आई थी। इन सबसे अलग और इन सबसे बेहतरीन। उसका जिक्र आगे के लिए मैंने बचा रखा है।

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Dhruva-Shakti
फिर चलते है अब शक्ति के पास। शक्ति अब तक राज कामिक्स के चार बडे किरदारो के साथ दो-दो हाथ कर चुकी थी। और अब बारी थी एक ऐसे किरदार की जो इन चारो से एक साथ टकराने की काबलियत रखता है। बताने की जरूरत नही की बात हो रही है ध्रुव की। ध्रुव-शक्ति। सुनने और पढने मे बहुत अजीब लगता है। क्योंकि ध्रुव के सफर को देखते हुए हम पाते है कि उसके कामिक्सो के नाम बहुत ही आकर्षक और उपयुक्त होते है। और बाकी हीरोज की तरह ध्रुव के बहुत कम कामिक्स है जिसमे उसका खुद का नाम शामिल है। खैर नाम मे क्या रखा है। शेक्सपीयर जी की ये बात मानते हुए अपने शक्ति के कारवाँ को आगे बढाते है। वैसे ध्रुव के बारे मे ध्यान देने वाली एक बात ये भी है कि अब तक बहुत कम हीरोज को ध्रुव के साथ काम करने का मौका मिला था। डोगा और परमाणु अभी भी इस अवसर से वंचित थे। शक्ति ने इन दोनो से पहले बाजी मार ली। बांबी के बाद ध्रुव-शक्ति मे शक्ति को फिर मौका मिला अनुपम सिन्हा जी की पेन्सिल से बनने का। इससे पहले मनु जी और धीरज वर्मा जी भी शक्ति को बना चुके थे। और शायद राज कामिक्स मे ऐसा पहली बार हो रहा था कि एक ही समय मे एक ही किरदार को अलग-अलग लोग बना रहे थे। चलो, वापिस चलते है ध्रुव-शक्ति के पास। इस कामिक के जरिए ध्रुव और शक्ति दोनो के ही जीवन मे बडे परिवर्तन आने वाले थे। जहां डाक्टर तरुण के रुप मे शक्ति की दुनिया मे एक अहम किरदार की एंट्री हुई वही श्वेता द्वारा दी गई युटिलिटी बेल्ट, ब्रेसलेट और व्हील वाले बूट्स ने ध्रुव के पूरे लुक को ही बदल दिया। एक साल पहले ही कमांडो फोर्स की गिफ्ट की गई बेल्ट फिर किसी कामिक मे आज तक नजर नही आई।

ध्रुव शक्ति से पहले इस साल अतीत आ चुकी थी और उसका जिक्र अपनी पिछली पोस्ट मे कर चुका हूँ। अतीत के बाद ध्रुव की जिग्सा आई थी जिसमे अंत मे ध्रुव अपने परिवार के बारे मे जान ही लेता है। इस कामिक के साथ ही ध्रुव को एक नया origin भी मिल जाता है। ध्रुव के इन सभी कामिक्सो को  लेकर फैन्स बहुत उत्साहित थे। लेकिन उससे भी ज्यादा बेसब्री से लोग इंतजार कर रहे थे ध्रुव के कामिक जंग का। इस कामिक मे पहली बार ध्रुव को ये अहसास हुआ कि उसका मुकाबला खुद उसी से है। नक्षत्र को बिल्कुल ध्रुव की तरह ही बनाया गया था। सर्कस मे पला बढा। उसी की तरह हर एक कला मे माहिर और दिमाग भी ध्रुव के जैसा ही तेज। ये मुकाबला देखने के लिए हर कोई बैचेन था। अफसोस की बात ये रही की नक्षत्र फिर लम्बे समय तक किसी कामिक मे नजर नही आया। सिवाय ध्रुविष्य मे एक छोटे से मेहमान के रुप मे और भविष्य मे चल रही नागायण मे।

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First Promo of Nisachar
Nisachar fan art
Nisachar Promo by me
अतीत, ध्रुव-शक्ति और जंग के अलावा ध्रुव का एक विशेषांक और आया था। उसका जिक्र बाद मे करेंगे। लेकिन इन सब कामिक्सो से बढकर भी एक चीज थी। एक कामिक एड। एक ऐसी कामिक का एड, जिसके बारे मे शायद ही किसी ने सोचा हो। कम से कम मैंने और मेरे कामिक्स दोस्तो ने तो बिल्कुल भी नही सोचा था। डोगा को अभी काफी लम्बा सफर तय करना था और नागराज के बाद राज कामिक्स मे ध्रुव का ही नम्बर आता था। तो इस हिसाब से ध्रुव और डोगा के स्तर मे काफी अंतर था। इसलिए इन दोनो का पहली बार कामिक मे आना सभी के लिए एक बहुत बडा surprise था। निशाचर का एड पहली बार देखते ही इस कामिक को पाने के लिए मैं पागल से हो गया था। बडा ही जबरदस्त एड था और उससे भी जबरदस्त थे उस एड के शब्द। जैसे-जैसे रात बढेगी, बढेगी दोनो की ताकत। क्योंकि दोनो है निशाचर। उस वक्त मैं अपने आस-पास के कुछ लडको को कामिक्से किराए पर पढने के लिए देता था। उन्होने भी जब निशाचर का एड देखा तो कहा कि भाई ये कामिक तो हार हाल मे ला कर देना हमे। मैंने उनसे कहा अभी इसके आने मे एक साल का समय है। तो वो बोले कि तू अभी से इसके लिए पैसे का इंतजाम शुरु कर दे। वर्ना तू कामिक देर से लाएगा। ये आलम था निशाचर के पागलपन का। मुझे इसका वो एड इतना पसंद आया था कि मैंने उसे देख कर खुद बनाया और आज भी वो ड्राइंग मेरे पास रखी हुई है।

Bankelal Old Hindi Comics, बांकेलाल, हास्य कामिक
Dharporsankh
देखा जाए तो ये पोस्ट अभी तक काफी गंभीर जा रहा है। हर नए paragraph मे कुछ विचार करने योग्य तथ्य है। तो फिलहाल इस गंभीर सफर को थोडी देर के लिए विश्राम देते है और थोडा मन को गुदगुदाते लेते है राज कामिक्स के हास्य किरदारो के बारे मे बातचीत कर के। शुरुआत करते है राज कामिक्स के सबसे लोकप्रिय हास्य किरदार बांकेलाल के साथ। बांकेलाल की इस साल की पहली कामिक थी काटो-काटो। और चूंकि अभी तक बांकेलाल की ज्यादातर कामिक्से 32 पन्नो वाली ही आती थी तो इस साल भी उसकी काफी कामिक्से आई। शाप का टोकरा (अभी हाल मे आई बांकेलाल की कामिक हम सब पागल है थोडी बहुत इसी से प्रेरित थी), जादूगर करारा, घुंघरु, दुमतारा, नागपंचमी, तीस मार खां, मोतियाबिंद, चोंचू, खोदा, शैतान, मुच्छड मनहूस, छुपन छुपाई और यम यम थी। साथ ही इस साल बांके का एक विशेषांक ढपोरशंख भी आया था। ये बांकेलाल का तीसरा विशेषांक था। ढपोरशंख मे ही बांकेलाल के एक और विशेषांक (जादुई मुहावरे) का एड था जो कि वर्ष 1999 मे आना था। यानि अब बांकेलाल के विशेषांक भी अब साल भर मे आने लगे थे। बांकेलाल के फैन्स के लिए ये बडी खुशी की बात थी।

गमराज के बारे मे बताने के लिए मेरे पास ज्यादा कुछ नही है। क्योंकि अभी मैंने गमराज को नियमित रुप से पढना शुरु नही किया था। गमराज के सामान्य कामिक ही आ रहे थे। और उसे लोकप्रिय बनाने के लिए अभी भी उन मे विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें होती थी। इस साल गमराज की जितनी कामिक्से आई उन मे से कुछ के नाम मैं यहाँ बता देता हूँ। बुढिया के बाल, कमांडो, खोटा सिक्का, अडियल टट्टू, तुलातोड।

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Cover page by Anupam Sinha
फाइटर टोडस के बारे मे भी ज्यादा नही बता पाऊंगा। क्योंकि अभी भी उनके सामान्य कामिक (32 pages) ही आ रहे थे। बगैर अनुपम सिन्हा जी के। तो इस वक्त मैंने उनके कामिक पढना लगभग छोड ही दिया था। उनकी किसी भी नई कामिक मे अब मजा नही आता था। इस साल आई उनकी कुछ कामिक्सो के नाम है, टाइम मशीन, टोडस एक्शन, प्रोफेसर तामझाम, हैप्पी बर्थ डे, सब गायब और सायरन। इन सब मे से प्रोफेसर तामझाम की खाशियत ये थी कि उसका कवर पेज अनुपम सिन्हा जी ने बनाया था।

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एक बार फिर रूख करते है एक्शन हीरोज की तरफ। अभी तक इस पोस्ट मे राज कामिक्स के ज्यादातर प्रमुख हीरोज को कवर किया जा चुका है। लेकिन राज कामिक्स के सबसे ज्यादा प्रचलित किरदार का जिक्र तो हुआ ही नही। नागराज की बात करे तो इस साल उसकी शुरुआत बांबी से हुई। जिसमे शक्ति भी थी। नागराज ने पाताल लोक की यात्रा की और वहाँ के राजा तक्षक को हराया। इसके बाद नागराज दिखा ध्रुव के साथ तानाशाह मे। तानाशाह राज कामिक्स के ग्रीष्म अवकाश के दौरान प्रकाशित होने वाले सुपर स्पेशल विशेषांक श्रंखला का हिस्सा थी। नागराज और ध्रुव का सामना था हिटलर की अतृप्त आत्मा से जो पुरी दुनिया पर राज करने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नरक से वापिस पृथ्वी पर आती है। और अंत मे हमारे सुपर हीरोज से हार जाती है। कहानी बहुत अच्छी थी और नागराज ने काफी एक्शन किया था इस कामिक मे। साथ ही इस कामिक से रिचा उर्फ ब्लैक केट की वापसी हो गई थी जो कि राजनगर की तबाही मे गायब हो गई थी।

तानाशाह के बाद नागराज का एक और सुपर स्पेशल विशेषांक आया। लेकिन इस बार उसके साथ ध्रुव नही बल्कि वंडर मैन परमाणु था। परमाणु के बारे मे लिखते हुए मैंने इसी खास कामिक का जिक्र किया था। इस कामिक की कई विशेषताए थी। जैसे नागराज अब तक सिर्फ ध्रुव, फाईटर टोडस, और भेडिया के साथ ही नजर आया था। परमाणु के साथ ये उसकी पहली कामिक थी। पहली बार अनुपम सिन्हा जी ने परमाणु को बनाया। पहली बार ध्रुव का कोई विलेन नागराज से टकराया। ये बाते थी जिन पर गौर करना ज्यादा मुश्किल नही था। लेकिन कामिक के अंदर भी बहुत सारे surprise थे। खास तौर पर परमाणु के लिए। कहानी थी डाक्टर वायरस की एक और खतरनाक वायरस को पैदा करने की ख्वाहिश को लेकर। ध्रुव के डर से अब डाक्टर वायरस दिल्ली मे काम कर रहा था। उस वायरस को बनाने के लिए जरुरत थी तेज जहर की। जहर यानी नागराज। नागराज और परमाणु के बीच गलतफहमी पैदा करने की साजिश इस जहर को पाने की योजना मे ही शामिल थी। अब टकराव निश्चिंत था और इस मे जीत उसी की होने थी जो था दूसरे से बडा सूरमा। इस कामिक से परमाणु की जिंदगी मे कुछ बदलाव आए। उसके मामा लम्बे समय के लिए कोमा मे चले गए। लेकिन कोमा मे जाने से पहले वो परमाणु को नई बेल्ट और प्रोबाट सोप गए। दोनो ही आज तक एकदम सही काम कर रहे है।

सूरमा के बाद नागराज की सपेरा आई। ये इस साल की नागराज की आखिरी कामिक थी। ये साल नागराज के लिए काफी एक्शन पैक्ड रहा। 4 मे से 3 कामिक्सो मे हमे नागराज का खूब एक्शन देखने को मिला। सपेरा नागराज के Adventure कामिक्स मे आती है।

नागराज के बाद बात करते है अब ऐसे किरदार की जिस पर अब तक का सबसे बडा प्रयोग हुआ और वो भारतीय कामिक्स के इतिहास मे एक मिसाल बन गया। ये साल राज कामिक्स के लिए काफी प्रयोगात्मक और बदलाव से भरपूर रहा। क़िरदारो के लुक्स मे बदलाव किए गए। उनकी शक्तियो मे बदलाव किए गए। उनके मूल मे बदलाव किए गए। साथ ही एक नए किरदार (शक्ति) को भी लाया गया। लेकिन अब जिस बदलाव और प्रयोग के बारे मे बताने वाला हूँ वो इन सबसे अनूठा है। 1998 से पहले सिर्फ भेडिया था। कोबी का जन्म अब होने वाला था। दो विपरीत शक्तियों, फोबोस और मोबोस को गुरुराज भाटिकी ने भेडिया के शरीर मे प्रविश्ट कराया ताकि वो उसमे से जानवार वाले कोबी रुप को अलग कर सके और फिर से वुल्फानो की स्थापना कर सके। इस सारी साजिश की तैयार पहले सी शुरु हो चुकी थी। जानवर कामिक से। फूजो और जेन भेडिया के हिंसक रवैये से हैरान और परेशान थे जिसकी वजह फोबोस की विनाशकारी ताकत थी।
ओल्ड भेडिया कामिक, राज कामिक
First comic on Glossy Paper


कोबी और भेडिया कामिक मे भेडिया के लिए ये दुविधा और बढ गई कि वो हिंसा के मार्ग का अपनाए या अहिंसा के। और उस की इसी अंदरुनी कशमकश और दोनो विपरीत शक्तियो ने उसके शरीर को ही दो भागो मे विभक्त कर दिया। खैर गुरुराज भाटिकी का कोबी को वापिस वुल्फानो मे ले जाने का सपना तो पूरा नही हुआ। कोबी को भेडिया के हाथों हार का सामना करना पडा। फिर भी कोबी जेन से शादी करने मे कामयाब हो गया था। इस कामिक की एक और विशेषता ये थी कि ये Raj Comics की पहली कामिक थी जो Glossy Paper मे आई थी।

कोबी और भेडिया के अलावा भेडिया की और जो कामिक्से आई उनमे से एक प्रमुख कामिक है आधे इंसान इस कहानी का शीर्षक बहुत ही वाजिब है। क्योंकि ये दो ऐसे हीरोज की कहानी है जो पूरी तरह से इंसान नही है। भेडिया जो कि आधा जानवर है और इंस्पेक्टर स्टील जो कि आधा मशीन है। इस कामिक मे इन दोनो के टकराव को तो दिखाया ही गया साथ ही उनकी अंदरुनी जद्दोजहद को भी दिखाया गया। काफी भावनात्मक कामिक है ये। फिलहाल ये कामिक मेरे पास नही है और मेरी हिट लिस्ट मे शामिल है। आधे इंसान के
भेडिया, इंस्पेक्टर स्टील, राज कामिक
Half Human
अलावा कोबी और भेडिया के डोगा के साथ दो टू-इन-वन विशेषांक और आए। सावधान डोगा और कौन बडा जल्लाद। एक तरफ शहर का जल्लाद और दूसरी तरफ जंगल के जल्लाद। हम्म्म्म। ये मुकाबला था देखने लायक। सावधान डोगा मे कोबी और भेडिया को ज्यादा फ्रेम्स नही मिले। क्योंकि शहर से डोगा को जंगल मे लाने के लिए आधार इसी कहानी को बनाया गया। लेकिन कौन बडा जल्लाद मे कोबी और भेडिया ने खूब हाथ पांव चलाए। साथ ही डोगा ने भी जंगल के शैतानो से दो-दो हाथ किए। दोनो ही काफी मस्त कामिक है।

इन विशेषांकों के अलावा इस साल भेडिया की ये कामिक्से आई। गजारा, मौत मेरे अंदर, इंद्रजाल, मुगांबो, अंधी धुंध, टोटमपोल, भुजंग, जाग कृत्या जाग, काला सोना और नीली लाशें।

राज कामिक तिरंगा, old hindi comics book
The evolution of Bharat
अब ये पोस्ट अपनी समाप्ति की ओर बढ रही है तो अब बात कर लेते है बाकी बचे हुए सुपर हीरोज के बारे मे। सबसे पहले जिक्र करेंगे फर्ज की मशीन इंस्पेक्टर स्टील का। इस साल स्टील की पहली कामिक थी हैमर। इस के बाद आई भेडिया के साथ आधे इंसान। इन दोनो के अलावा स्टील के जो कामिक आए वो है; आर्मर, आत्मघाती, फरसा, सरकलम, हादसा, दुश्मन कानून का, इलाका, सस्पैंड, मिस्टर फरार, प्लान चौपट, मेगागन और जेल ब्रेकर। इस साल शक्ति के साथ स्टील की कामिक नही आई। स्टील के बाद नम्बर आता है जिंदा मुर्दे एंथोनी का। एंथोनी इस साल किसी विशेषांक मे नजर नही आया लेकिन शक्ति के साथ उसकी दो कामिक्से जरुर आई। “अमानुष” और “आधी औरत।” इन दोनो कामिक्सों मे चित्रांकन था सुरेश डीगवाल।  
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Some good comics of Anthony. Year 1998
अब शक्ति को बनाने वाले चित्रकारों की संख्या चार हो गई थी। इन दोनो कामिक्सो के अलावा एंथोनी के जो और ज्यादातर कामिक्से सीरीज मे आई जो कि बहुत अच्छी थी। जैसे मौत चुन लो और जीवनदाता। अंतिम संस्कार और अर्थी और ताबूत। तीन सांप और आया कंकाल। कोयला और दहकता शहर। और प्रोफेसर जानडाल, मेरे पाप, गलियाँ सुनसान और डान।  अब आते है देशभक्त डिटेक्टिव तिरंगा पर। तिरंगा की शुरुआत बहुत ही शानदार रही। इस साल उसकी पहली कामिक थी सुरक्षा चक्र और उसके बाद आई उसकी दो कामिक्से अनुपम सिन्हा जी ने बनाई। खूनी एपिसोड और डिवाइसर। इसके अलावा तिरंगा की 3 कामिक्सो की एक जबरदस्त सीरिज भी आई जिसने तिरंगा के पूरे वजूद को ही बदल कर रख दिया। ये तीन कामिक्से थी X File, RDX और चेहरा कहाँ छुपाऊं। इनके अलावा तिरंगा के ये कामिक्से इस साल आई। नकलची, अरैस्ट हिम, रोजी रोटी,  नारेबाज, फुलस्टाप, सी एन एन, बेनकाब, आखिरी हत्यारा, सब मरेंगे बारी-बारी और पुतलीबाई।

कामिक्सो के अलावा अब राज कामिक्स बच्चो के लिए एक मासिक पत्रिका “फैंग” भी प्रकाशित करने लगी थी। मुझे सही से मालूम नही कि ये कौन से साल मे शुरु हुई। शायद 1997 के आखिरी महिनों मे इसका पहला अंक आ गया था। ये किताब भी मैं बहुत चाव से पढता था। अनाडी के कारनामे इस पत्रिका का सबसे अच्छा भाग होते थे।
Shakti Raj Comcis Book, ओल्ड राज कामिक
Here comes Shakti. First Solo Comic of Shakti

अब शक्ति से इस पोस्ट की शुरुआत करी थी तो शक्ति से ही इस पोस्ट का अंत भी करते है। ऊपर बताई गई शक्ति की कामिक्सो के अलावा ये और कामिक्से आई इस साल। आई शक्ति, वर्दी वाली औरत, पवन पुत्री, मौत के दीवाने, जोकर, खबरदार शहरी। अगला साल भी शक्ति के लिए काफी अच्छा होने वाला था क्योंकि अब वो 96 पन्नो वाले विशेषांक मे भी आने वाली थी। नागराज और ध्रुव के साथ “कलयुग” मे। निशाचर और कलयुग 1999 के दो बेहतरीन विशेषांक थे। अगली पोस्ट मे इनका जिक्र होगा और साथ ही जिक्र होगा 1999 मे प्रकाशित हुई अन्य कामिक्सो, उनसे जुडी खास बातों और राज कामिक्स के नए प्रयोगों का। फिलहाल के लिए अभी बहुत लिख चुका हूँ। अब आप लोगो से मुलाकात होगी 1999 मे। आप लोगो को ये समय यात्रा कैसी लग रही है। कृप्या अपने सुझावों से अवगत कराए।


जुनून।

11 comments:

  1. Very informative and entertaining too

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  2. Bahut hi badhiyaa aalekh ,sanjay ji ! aapne sach me bhule bisre dino ki yaad dilaa di ,ise padhte huye aisaa lagaa maano bhi yah daur kal hi ki baat hai .

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    1. पोस्ट पसंद करने के लिए धन्यवाद देवेन जी। बाकी पोस्टस को भी एक बार देखिए। :)

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  3. सभी लोगो को पोस्ट पसंद करने के लिए धन्यवाद।

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  4. Aapki likhi Raj Comics se judi unn yaadon ko ek saans mein padhe bina nahin reh sake...
    Bahut behtareen likha hai aapne apne comics prem ke baare mein.

    Humne Shakti Varsh se hi apni shuruaat kari thi...Poora Set lene ki...Doga-Shakti wala liya tha...First Time.
    Par phir Regular comics padhne mein 2 saal ka Gap ban gaya tha...haan thoda bahut judaav bana raha.
    Nagraj aur Dhruva ke alawa baaki heroes ke baare mein 98 tak jyada kuch nahin maaloom tha...Kai ki toh koi comics bhi nahin padhi thi.
    Anthony ki Koyla-Dehakata sheher padhi...woh bahut achchi lagi...Uske baad aage ke saalo mein Anthony ki comics lene ke liye kabhi soch-vichar nahin karna pada.

    Steel,gamraj,Todes wagairah mein Ruchi kabhi ban hi nahin paayi....Ikka-Dukka hi inki pasand thi....Bhokal ko hum ek Raja ke time ka Hero jaankar padhne se hamesha bhaagte the...kabhi comics haath mein li bhi toh ulat-palatkar wapas rakh di..hehe

    Year 1999 ki post ka intezaar rahega.

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    1. I used to read comic in a managed way. On release of each set, I first read the Special issue of that set. Obviously on rent. Then if there was Tiranga comic in set, I read it on second number. After that whenever I got chance and money, I read other comics. I did not read all comics. Steel and Gamraj are two characters which I hardly read. But I became a fan of Fang Magazine instantly. I liked to read it very much. I Did not like Raj Chitra Katha. Unfortunately I could read only few comics of Anthony at that time. Though his comics were a quality product yet I missed most of them. According to a friend, he is the most underestimate superhero of Raj comics.

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  5. Thank you very much for saving these memories

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  6. बहोत ही बढ़िया लेखनी और जानकारी संजय जी, आभार.

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    1. ब्लाग पंसद करने के लिए धन्यवाद।

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